देश की शान और संगीत जगत की शिरमोर स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी का निधन
देश की शान और संगीत जगत की शिरमोर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर ( lata mangeshkar )जी का 92 वर्ष की आयु में 6 February दिन रविवार को निधन हो गया । उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी।
नरेंद्र मोदी और कई राजनेताओं, खिलाड़ियों, बॉलीवुड और फिल्म इंडस्ट्री , टेलीविजन सितारों ने सोशल मीडिया पर
अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की । आपको बता दे मोती जैसी महान आवाज़ और महान गायिका के निधन की खबर
सुनके प्रशंसकों का दिल टूट गया ।
उन्होंने सोशल मीडिया पर यादों को ताजा किया।
उनके प्रसिद्ध गीत (यें मेरे वतन के लोगों)भी फिर से सामने आए ।पूरी दुनिया ने उनकी विरासत को याद किया ।
स्वर कोकिला लता जी से जुड़ी 10 रोचक बातें साँझा करते है .10 big things related to Swara Kokila Lata Mangeshkar
कहा जाता है की जब लता मंगेशकर ने 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में शहीद हुए
भारतीय सैनिकों के सम्मान में ऐ मेरे वतन के लोगों नाम का गीत गाया था। तो स्टूडीओ में बैठे सभी व्यक्ति के आँख में आंशु आ गये ।
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी जब यह गाना सुने उनकी आंखें भी भर आई थीं.
लता मंगेशकर ऐसी गायिका थीं , जिन्होंने प्लेबैक सिंगिंग में लड़कों को चुनौती दी।
उन्होंने मोहम्मद रफ़ी , किशोर कुमार जैसे ख़ुद से ज़्यादा गीत गाने वाले गायकों से ज़्यादा रॉयल्टी और पैसा मांगा, जो उन्हें मिला भी था ।
आपको बता दे लता मंगेशकर ने गाने से पहले ऐक्टिंग में भी अपना जलवा बिखेरा था ।
इन्होंने कुल आठ मराठी और हिंदी फ़िल्मों में एक्टिंग की. 1943 में आई मराठी फ़िल्म गजभाऊ में उन्होंने कुछ लाइनें और कुछ शब्द गाए भी थे।
इस फ़िल्म में उनका पहला गीत था. 1946 के आते-आते लता मंगेशकर एक्टिंग कर के हर महीने क़रीब 200 -300 रुपए कमाने लगी थीं.
लता मंगेशकर जी को ब्रिटेन के सबसे विश्व प्रसिद्ध रॉयल अल्बर्ट हॉल में रेन ऑर्केस्ट्रा के साथ गाने का भी मौक़ा मिला था.
ऐसा अवसर पाने वाली वो पहली भारतीय थीं.