आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे प्रयागराज शहर की। आज हम जानेंगे प्रयागराज के दर्शनीय स्थल के बारें में। प्रयागराज क्यों फेमस है(Prayagraj kyu Famous Hai) हम जानेंगे। हम जानेंगे यहाँ की संस्कृति, प्राचीन इतिहास, प्रसिद्ध स्थान, अनोखी बातें तो चलिए शुरू करते है|
प्रयागराज जिला क्यों फेमस है
हां वही प्रयागराज जो हिंदू,जैन बौद्ध, ईसाई सभी संस्कृतियों के समान रूप से अपने अतीत में समेटे हुए हैं। पौराणिक ग्रंथों जल प्लावन के बाद जहां एक पत्ते पर श्री हरि के बाल रूप की कल्पना की गई है। तो वहीं पवित्र गंगा यमुना और अदृश्य ज्ञान रूपी सरस्वती का संगम यही है। अमित कलश से छलकी बूंदो के महात्मय की हेतु कुंभ और महाकुंभ की संकल्पना भी यही सरकार होती है। प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव की तपस्थली यही है तो श्रृंगी ऋषि का श्रृंगवेर पुरम भी यही है। बौद्ध धर्मनुयायी सम्राट हर्ष ने महा मोक्ष परिषद का आयोजन कर यहां पर तन के कपड़े तक दान किया, तो मुगल शासक अकबर ने किले का निर्माण कराया। अल्लाह द्वारा आबाद यानी इलाहाबाद कहकर मान दिया। तो यही सेंट जेवियर चर्च भी सुशोभित है।
प्रयागराज का प्राचीन इतिहास
अंग्रेजी शासन के समय यह संयुक्त प्रांत की राजधानी रहा। 16 महाजनपदों में से एक “वत्स’ की भी राजधानी का गौरव इसे प्राप्त रहा। यानी कि विभिन्न धर्मों संस्कृतियों का संगम, पावन पवित्र मोक्षदाई गौरवशाली परंपरा से संबंध प्रयागराज त्रिवेणी संगम है। यदि आप पर्यटन की दृष्टि से आते हैं तो आपको कलरव करते साइबेरियन पक्षी संगम में जहां चह चचाहते दिख जायेंगे। वही प्रयागराज शहर से सुदूर दक्षिण में अवस्थित काले हिरण संरक्षित क्षेत्र में कुलांचे भरते हिरण आपका मन मोह लेंगे।
प्रयागराज में घूमने की बेहतरीन जगह
स्वतंत्रता आंदोलन को अपनी शाखाओं में समेटे ऐतिहासिक चौक में स्थित नीम के पेड़ को देखने पर शहीदों की याद आती है। वहीं राष्ट्र धरोहर सही चंद्रशेखर पार्क रोम-रोम में देश प्रेम की उत्तेजना भी भर देता है। कर्जन पुल, खुसरो बाग जहां गौरवशाली अतीत की समृद्धि का बोध कराते हैं तो वहीं स्वराज भवन और आनंद भवन स्वतंत्रता की बैठकों की यादें ताजा करते हैं। समीप में ही पूर्व का ऑक्सफोर्ड कहां जाने वाला इलाहाबाद विश्वविद्यालय आज भी देश को शिक्षा की मशाल जलाये प्रज्वलित कर रहा है।
प्रयागराज में सबसे अनोखा क्या है?
देश को दो-दो प्रधानमंत्री देने वाले इस शहर की राजनीतिक विरासत जितनी समृद्ध है तो उतनी ही साहित्य की भी आमिर छाप है। हरिवंश राय बच्चन, महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा, रघुपति सहाय, फिराक गोरखपुरी, जगदीश गुप्त की कर्मस्थली भी यही शहर का रहा है। बंधवा पर लेटे हनुमान जी के दर्शन के लिए रोज लाखों की भीड़ होती है।
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प्रयागराज घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है?
यदि आप प्रयागराज आकर घूमना चाहते और यहां की संस्कृति और सभ्यता का अनुभव करना चाहते हैं तो यह शहर आपके स्वागत के लिए बाहें फैलाये खड़ा है। सबसे अच्छा समय की बात करें तो यहाँ हर साल कुम्भ मेला लगता है। इस समय आपको सबसे अच्छा दृश्य देखने को मिलेगा। यह कुम्भ मेला साल के शुरुआत जनवरी महीने में लगता है। यहां बस, ट्रेन, या हवाई यात्रा के माध्यम से पधार सकते हैं। और अंत में ठेठ इलाहाबादी बकैती के अंदाज में आपसे हम पूछते हैं ‘का में तुम सबका हम ई शहर के बारे में इतना बताएं दिए कब आ रहे हौ’, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का बंगला भी देखै का हो तो आय जाओ’ धन्यवाद दोस्तों।