आज भोजपुरी सिनेमा Bhojpuri Cinema में इतनी ज्यादा अश्लीलता और जातिवाद फैला हुआ है. जिसके चलते खुद भोजपुरी के कलाकारों में ही मनमुटाव बना हुआ है. भोजपुरी के बड़े बड़े सितारे भी जातिवादी गाना गाकर जनता को उकसाने और भड़काने का काम करते हैं।
पहले के समय के गानों में ना तो इतनी अश्लीलता होती थी और ना ही इतनी जातिवादिता. पहले के गायक और गायिका अपने गानों की वजह से जाने जाते थे. बहुत कम ही लोगों को उनके उपनाम की जानकारी होती थी. यह बता पाना बहुत ही मुश्किल होता था कि फलाना गायक या गायिका किस जाति का है।
लेकिन आज के समय में अगर देखा जाए तो भोजपुरी सिनेमा में केवल अश्लील और जातिवादी गाने ही बन रहे. अब चाहे भोजपुरी के बड़े गायक पवन सिंह या फिर खेसारी लाल यादव या या फिर आम गायक हो. हर कोई जातिवादी गाना गाकर अपनी जाति को ऊंचा दिखाने का प्रयास कर रहा है. जो कि समाज के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है।
रितेश पांडे, समर सिंह, नीलकमल सिंह, प्रमोद प्रेमी, गुंजन सिंह, अरविंद अकेला कल्लू और भी तथाकथित भोजपुरी के गायक जो जातिवादी और अश्लील गाने गाकर समाज को गंदा करने का काम करते हैं हालांकि लोगों द्वारा काफी ट्रोल करने के बाद अब कुछ गायकों ने जातिवादी और अश्लील गाने गाने कम कर दिए।
बता दें कि गायक पवन सिंह बिहार के सीएम नीतीश कुमार से भोजपुरी के अश्लील और जातिवादी गाने बंद कराने की मांग. वहीं दूसरी तरफ खेसारी लाल यादव अश्लील और जातिवादी गानों को लेकर यह बयान देते हैं कि ये लोगों के entertainment का साधन है. लोग इसे अश्लीलता और जातिवाद का नाम ना दें. तो आप देख सकते हैं कि भोजपुरी के बड़े सितारों की क्या मानसिकता है. और वह अपने समाज के लिए क्या कर सकते हैं।